भूटान का राजतंत्र (भोटान्त) हिमालय पर बसा दक्षिण एशिया का एक छोटा और महत्वपूर्ण देश है। यह चीन ( तिब्बत ) और भारत के बीच स्थित भूमि ...
भूटान का राजतंत्र (भोटान्त) हिमालय पर बसा दक्षिण एशिया का एक छोटा और महत्वपूर्ण देश है। यह चीन (तिब्बत) और भारत के बीच स्थित भूमि आबद्ध (Land Lock) देश है। इस देश का स्थानीय नाम ड्रुग युल है, जिसका अर्थ होता है अझ़दहा का देश। यह देश मुख्यतः पहाड़ी है और केवल दक्षिणी भाग में थोड़ी सी समतल भूमि है। यह सांस्कृतिक और धार्मिक तौर से तिब्बत से जुड़ा है, लेकिन भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर वर्तमान में यह देश भारत के करीब है। भूटान का धरातल विश्व के सबसे ऊबड़ खाबड़ धरातलों में से एक है ! 100 किमी की दूरी के बीच में 150 से 7000मी की ऊँचाई पायी जाती है !
सत्रहवीं सदी के अंत में भूटान ने बौद्ध धर्म को अंगीकार किया। 1865 में ब्रिटेन और भूटान के बीच सिनचुलु संधि पर हस्ताक्षर हुआ, जिसके तहत भूटान को सीमावर्ती कुछ भूभाग के बदले कुछ वार्षिक अनुदान के करार किए गए। ब्रिटिश प्रभाव के तहत 1907 में वहाँ राजशाही की स्थापना हुई। तीन साल बाद एक और समझौता हुआ, जिसके तहत ब्रिटिश इस बात पर राजी हुए कि वे भूटान के आंतरिक मामलों में हस्त्क्षेप नहीं करेंगे लेकिन भूटान की विदेश नीति इंग्लैंड द्वारा तय की जाएगी। बाद में 1947 के पश्चात यही भूमिका भारत को मिली। दो साल बाद 1949 में भारत भूटान समझौते के तहत भारत ने भूटान की वो सारी जमीन उसे लौटा दी जो अंग्रेजों के अधीन थी। इस समझौते के तहत भारत का भूटान की विदेश नीति एवं रक्षा नीति में काफी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई।
भूटान को दुनिया का सबसे खुशहाल देश कहा जाता है. यहां की सुंदरता दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. पड़ोसी देश के अलावा सस्ता होने की वजह से भी भारतीयों में भूटान जाने का क्रेज रहता है.
भूटान में कहां जाएं घूमने?
भूटान अपनी दीवार पेंटिंग्स, थांगका और मूर्तियों के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां आप थिम्फु चोर्टन, बुद्धा डोरडेनमा, क्लॉक टावर स्क्वायर, टैंगो बुद्धिस्ट इंस्टिट्यूट, दोचुला पास, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ भूटान और रॉयल बोटैनिकल गार्डन जैसी शानदार जगहों पर घूमने जा सकते हैं.
भूटान घूमने का सही समय
अक्टूबर से नवंबर तक का महीना भूटान घूमने के लिए बेस्ट माना जाता है. इस दौरान यहां का मौसम और सुहावना हो जाता है.
कैसे जाएं भूटान?
भारत से भूटान तक आप फ्लाइट और रोड दोनों रास्ते जा सकते हैं. अगर आप फ्लाइट से भूटान जाना चाहते हैं तो भूटान एयरलाइंस से जाएं. ये आपको भूटान के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पारो तक पहुंचाएगा.
अगर आप रोड ट्रिप करना चाहते हैं तो आपको भूटान भारत-भूटान सीमा पर स्थित भूटानी शहर फुनशोलिंग से टूरिस्ट परमिट लेना होगा. इसके लिए आपके पास पासपोर्ट या मतदाता पहचान पत्र और 2 पासपोर्ट साइज फोटो होने चाहिए.
भूटान में कहां रुकें?
भूटान में आपको एक रात ठहरने के लिए अच्छा होटल 500 से 700 रुपये में मिल जाएगा. इसके अलावा आपको सस्ते लॉज या हॉस्टल भी आसानी से मिल जाएंगे.
क्या खा सकते हैं?
भूटान अपने अलग तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है. यहां आपको अच्छा और भरपेट खाना 80 से 100 रुपये में मिल जायेगा. क्या खा सकते हैंभूटान अपने अलग तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है. यहां आपको अच्छा और भरपेट खाना 80 से 100 रुपये में मिल जायेगा.
भारत का पड़ोसी देश होने के साथ भूटान बेहद खूबसूरत देश भी है। इस देश की खूबसूरती को निहारने के लिए लोग दूर-दूर के देशों से यहां पर आते हैं। भारतीयों के बीच भी भूटान जाने का बहुत क्रेज है। मगर, इस देश के नियम-कायदे बहुत ही अलग हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस देश में आज भी राजा का कानून चलता है। इसलिए यहां के नियम कायदे भी राजा के मुताबिक होते हैं। भुटान में भारतीयों को काफी पसंद किया जाता है इसलिए यहां पर उनके लिए नियम कायदे कुछ अलग हैं। अगर आप भूटाने जाने के लिए सोच रही हैं तो यह टिप्स जरूर पढ़ लें।
पासपोर्ट/वीजा की जरूरत नहीं
अगर भारत से भूटान जाना हो तो आप प्लेन की जगी सड़क मार्ग से भी इस देश में एंट्री पा सकते हैं। इसके लिए आपको न तो पासपोर्ट की जरूरत है और न ही वीजा की। सड़क मार्ग से अगर आप भूटान जा रही हैं तो आपको केवल पर्मिट की जरूरत होती है। यह पर्मिट भूटान सरकार का इमिग्रेशन डिपार्टमेंट देता है। फुंटशोलिंग में भूटान के परमिट का दफ्तर बना हुआ है। यह दफ्तर हर सुबह 9 बजे खुल जाता है। शनिवार और रविवार को भुटान सरकार द्वारा पूरे देश में छुट्टी घोषित की गई है इसलिए यह परमिट ऑफिस केवल सोमवार से शुक्रवार ही खुलता है।
फैमिली के साथ ही जा सकते हैं भूटान
दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीयों को भूटान में एंट्री पाने के लिए पूरी ट्रिप प्लान करनी होती है और यहां पर वे सोलो ट्रिप नहीं कर सकते हैं। ट्रिप के लिए उन्हें अपनी पूरी फैमिली यहां अपने पार्टनर को लेकर जाना होता है। वैसे भूटान जाने के लिए परमिट आप कोलकाता में बने भूटानी दूतावास से भी ले सकती हैं।
नहीं चलता आधार कार्ड
भारत में भले ही आपके सारे काम आधार कार्ड को दिखा कर हो जाते हों मगर भूटान जा रही हैं तो अपना वोटर आईडी या फिर पैन कार्ड जरूर रख लें क्योंकि भूटाने में आपका आधार कार्ड काम नहीं करता है। अगर आप घूमने के लिए भूटान जा रही हैं तो आप एक परमिट से 15 दिन तक भूटाने में बिना रोक-टोक रह सकती हैं और घूमफिर सकती हैं मगर जो लोग भारत से भूटान में काम के परपस से जाते हैं उन्हें 6 महीने एक साल तक का परमिट दिया जाता है।
कैश लेकर जाएं भूटान
भूटान की करंसी और भारत की करंसी की वैल्यू में ज्यादा फर्क नहीं है। अच्छी बात यह है कि भुटान में भारतीय करंसी चल जाती है। मगर, ऐसा केवल कुछ शहरों में होता है। अगर आप भूटान जा रही हैं तो पहले से रुपए को भूटान करंसी में चेंज करा लें। अगर आप ऐसा नही करती हैं तो भुटान में एक बार एटीएम से पैसे निकालने में 200 रुपए ट्रांजिट चार्ज लग जाता है। साथ ही भूटान में लोग 500 और 2000 के नोट लेने में आनाकानी भी करते हैं।
आसानी से मिल जाता है इंडियन फूड
भूटान में भारतीयों को खाने पीने की कोई दिक्कत नहीं होती क्योंकि यहां पर इंडियन फूड बहुत ही आसानी से मिल जाता है। यहां भारत में आने वाली सारी सब्जियां मिलती हैं और यहां आपको इंडियन थाली भी आसानी से किसी भी होटल में खाने को मिल जाएगी