आमेर दुर्ग (जिसे आमेर का किला या आंबेर का किला नाम से भी जाना जाता है) भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में एक ऊं...
आमेर दुर्ग (जिसे आमेर का किला या आंबेर का किला नाम से भी जाना जाता है) भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर का कस्बा मूल रूप से स्थानीय मीणाओं द्वारा बसाया गया था, जिस पर कालांतर में कछवाहा राजपूत मान सिंह प्रथम ने राज किया व इस दुर्ग का निर्माण करवाया। यह दुर्ग व महल अपने कलात्मक विशुद्ध हिन्दू वास्तु शैली के घटकों के लिये भी जाना जाता है। दुर्ग की विशाल प्राचीरों, द्वारों की शृंखलाओं एवं पत्थर के बने रास्तों से भरा ये दुर्ग पहाड़ी के ठीक नीचे बने मावठा सरोवर को देखता हुआ प्रतीत होता है।
लाल बलुआ पत्थर एवं संगमर्मर से निर्मित यह आकर्षक एवं भव्य दुर्ग पहाड़ी के चार स्तरों पर बना हुआ है, जिसमें से प्रत्येक में विशाल प्रांगण हैं। इसमें दीवान-ए-आम अर्थात जन साधारण का प्रांगण, दीवान-ए-खास अर्थात विशिष्ट प्रांगण, शीश महल या जय मन्दिर एवं सुख निवास आदि भाग हैं।
सुख निवास भाग में जल धाराओं से कृत्रिम रूप से बना शीतल वातावरण यहां की भीषण ग्रीष्म-ऋतु में अत्यानन्ददायक होता था। यह महल कछवाहा राजपूत महाराजाओं एवं उनके परिवारों का निवास स्थान हुआ करता था। दुर्ग के भीतर महल के मुख्य प्रवेश द्वार के निकट ही इनकी आराध्या चैतन्य पंथ की देवी शिला को समर्पित एक मन्दिर बना है। आमेर एवं जयगढ़ दुर्ग अरावली पर्वतमाला के एक पर्वत के ऊपर ही बने हुए हैं व एक गुप्त पहाड़ी सुरंग के मार्ग से जुड़े हुए हैं।
फ्नोम पेन्ह, कम्बोडिया में वर्ष २०१३ में आयोजित हुए विश्व धरोहर समिति के ३७वें सत्र में राजस्थान के पांच अन्य दुर्गों सहित आमेर दुर्ग को राजस्थान के पर्वतीय दुर्गों के भाग के रूप में युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
आमेर फोर्ट न सिर्फ जयपुर बल्कि पूरे राजस्थान के बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में से एक है। लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बने इस किले में चार मंजिले हैं। हर मंजिल पर अलग आंगन हैं। माना जाता है कि इसका निर्माण असल में मीणाओं ने करवाया था जिस पर बाद में राजा मानसिंह प्रथम ने राज किया। यह किला कलात्मक हिंदू वास्तुशैली के लिए जाना जाता है।
इस किले में दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, शीश महल (दर्पण महल), जय मंदिर और सुख निवास शामिल हैं जहां किले में मौजूद पानी पर से होकर हवा जब अंदर आती है तो कृत्रिम रूप से ठंडा वातावरण बन जाता है। इस किले को देखने के लिए न सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर के टूरिस्ट आते हैं।
कैसे पहुंचे
आमेर के किले को देखने के लिए आपको सबसे पहले तो जयपुर पहुंचना होगा। देशभर के कई शहरों से जयपुर तक की डायरेक्ट फ्लाइट्स हैं। एक बार जयपुर पहुंचे तो वहां से आप ऑटो, टैक्सी, कैब किसी के भी जरिए आमेर तक पहुंच सकते हैं।
एंट्री और अन्य फीस
आमेर के किले को देखने के लिए आपको एंट्री फीस देनी होगी। भारतीय पर्यटकों के लिए यह फीस मात्र 50 रुपये है, वहीं विदेश टूरिस्ट के लिए एंट्री फीस 550 रुपये है। आमेर फोर्ट पर लाइट शो भी होता है इसके लिए अलग से फीस देनी होगी। अंग्रेजी में लाइट शो के लिए 200 और हिंदी शो के लिए 100 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं हाथी की सवारी के लिए आपको 1100 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
मुख्य बिंदु
1. आमेर का किला जयपुर, राजस्थान के उपनगर आमेर में जयपुर शहर से 11 किलोमीटर दूर स्थित हैl
2. अम्बेर किला को लगभग 200 साल की अवधि में राजा मानसिंह, मिर्जा राजा जय सिंह और सवाई जय सिंह द्वारा बनाया गया थाl
3. Amer Fort ऊँचे पर्वतो पर बना हुआ है,ये जयपुर के सबसे खुबसूरत जगहों में आता हैl
4. आमेर दुर्ग हिन्दू तत्वों की अपनी कलात्मक शैली के लिए जाना जाता हैl
5. यह किला मूठा झील के किनारे पर स्थित है जहां महलों, मंडपों, हॉल, मंदिरों और उद्यान यानि गार्डन भी हैl
6. महल परिसर में एक मंदिर भी है जो हिंदू धर्म की देवी शिला माता को समर्पित हैl
7. यह आमेर का किला, जयगढ़ दुर्ग के साथ, अरावली पर्वत श्रृंखला पर चील के टीले के ठीक ऊपर इस प्रकार स्थित है कि ये दो अलग अलग किले होते हुए भी समग्र रूप में एक विशाल संरचना का रूप लेते हुए दिखाई पड़ते हैं क्योंकि दोनों किले ना सिर्फ एक दूसरे के बेहद करीब स्थित हैंl
8.दीवान - ए - आम, शीश महल, गणेश पोल, सुख निवास, जैसे मंदिर, दिला राम बाग और मोहन बाड़ी आदि अम्बेर किला के आकर्षणों में से एक हैl
9. ये लाल पत्थर और मार्बल से बनी हुई हैl
10. इस महल में पहले राजपूत महाराजाअपने परिवार के साथ रहते थेl
11. किले के प्रवेश द्वार गणेश गेट पर चैतन्य पंथ की देवी सिला देवी का मंदिर बना हुआ है जो राजा मानसिंह को दिया गया था जब उन्होंने 1604 में बंगाल में जैसोर के राजा को पराजीत किया थाl
12.आमेर का नामकरण अम्बा माता से हुआ था, जिन्हें मीनाओ की देवी भी कहा जाता थाl
13. इस महल को देखने के लिए हजारो की संख्या में लोग आते हैl
14. जयगढ़ किले और आमेर किले के बीच एक 2 किलोमीटर का गुप्त मार्ग भी बना हुआ है. लोग इस रास्ते से होकर एक किले से दूसरे किले में जा सकते हैl
15. आमेर का किला, कला का एक सुंदर नमूना भी है , यहाँ पर बहुत सी फिल्मों की शूटिंग भी होती हैl
लोगों ने यह भी पूछा
- How do I get to the Amer fort?
- Is Amber Fort same as Amer fort?
- Who owns Amer fort?
- How much time does Amer Fort take?
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